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Showing posts from April, 2018
पंडित & शीला पार्ट--21 गतांक से आगे ...................... पंडित ने जैसे ही अपने लंड का सुपाड़ा संगीता की चूत के ऊपर लगाया वो मचल उठी ..जिस चूत के अन्दर जीभ को जाने का रास्ता नहीं मिल पा रहा था वहां भला पंडित का मोटा लंड कैसे चला जाता .. पंडित को तेल का ध्यान आया ...उन्होंने रितु को इशारा करके तेल उठाने को कहा .. वो बुदबुदाती हुई तेल उठा लायी ...पंडित मन ही मन मुस्कुरा उठा ..वो समझ चुका था की रितु के मन में किस तरह की भावनाएं उठ रही है ..और इन्ही भावनाओ को भड़काकर वो उसकी चुदाई करना चाहता था .. पंडित ने तेल की धार सीधा संगीता की चूत पर दे मारी .. तेल की ठंडी बारिश से वो तड़प उठी ..और फिर थोडा सा तेल अपने लंड के सिरे पर लगाकर वो उसे मसलने लगे ..और जब पंडित को लगा की भाला भेदने के लिए तैयार है तो उन्होंने अपने लंड को संगीता की चूत पर दोबारा लगाया और धीरे से दबाव डाला ...और तेल की चिकनाहट का कमाल देखिये ...वो एक ही बार में सुर्सुराता हुआ अन्दर चला गया .. ''अह्ह्ह्ह्ह्ह ......उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ......पंडित जी ....दर्द हो रा है ......उफ्फ्फ्फ़ मा ......मरररर गयी ..
पंडित & शीला पार्ट--20 गतांक से आगे ...................... वो कुछ बोल पाते इससे पहले ही संगीता बोल पड़ी : "पंडित जी ...प्लीस ...प्लीस प्लीस ...मुझे भी दिखाओ ना ..जब से इस बिच ने मुझे आपके बारे में बताया है मुझसे तो रहा नहीं जा रहा ..आप बुरा मत मानना पर हमारे लिए ये सब देखना और महसूस करना बहुत बड़ी बात है ..इन्फेक्ट हर लड़की यही चाहती है ..पर सड़क पर खड़ी होकर तो ये बोल नहीं सकती न की मेरे बॉय फ्रेंड बन जाओ ..मुझे अपना पेनिस दिखाओ ...आप मानो या ना मानो, लड़कियों में लड़कों से ज्यादा सेक्स के प्रति लगाव होता है ..बस उनका शर्मीला स्वभाव ही उन्हें मार जाता है, पर रितु ने जब से मुझे आपके और शीला आंटी के बारे में बताया है वो सब सोच सोचकर मेरी पेंटी कई बार गीली हो चुकी है ..आपको विशवास नहीं होता तो ये देखो ...'' और उसने एक ही झटके से अपनी स्कर्ट को ऊपर उठा कर अपनी गीली पेंटी पंडित जी की भूखी आँखों के सामने परोस दी .. ब्लेक कलर की पेंटी पर उसकी चूत से निकले पानी के धब्बे साफ़ चमक रहे थे .. उसकी कच्छी और मोटी टांगो को देखकर पंडित का घोड़ा अपने अस्तबल से बाहर निकलने को
पंडित & शीला पार्ट--19 गतांक से आगे ...................... पंडित ने उनके जाने के बाद नहा धोकर थोडा आराम किया ..वो काफी थक चुका था ..जब उसकी नींद खुली तो शाम के 4 बजने वाले थे ..अभी मंदिर खुलने में टाइम था, उसे नूरी का ध्यान आया, इरफ़ान भाई को उसने शाम को आने के लिए बोला था ..वो जल्दी से तैयार हुआ और बाजार की तरफ चल दिया .. इरफ़ान भाई ने दूर से ही पंडित जी को आते हुए देख लिया और अपनी दूकान से बाहर निकल आया .. इरफ़ान : "नमस्ते पंडित जी ...मुझे तो लगा की आप भूल गए हैं की आपने आज आने का वादा किया था .." पंडित : "अरे नहीं इरफ़ान भाई, ऐसा कैसे हो सकता है ..बल्कि मैं तो आज सुबह भी आया था पर आपकी दूकान बंद थी इसलिए मैं वापिस चला गया .." इरफ़ान : "ओह्ह ...दरअसल मुझे सुबह अस्पताल जाना था, मेरी बहन का बेटा दाखिल है वहां ..पर पंडित जी ...मैं नहीं था तो आप ऊपर जाकर नूरी से तो मिल ही सकते थे ना ..इसमें तक्कल्लुफ़ कैसा था .." अब बेचारे इरफ़ान को कौन समझाए की पंडित सुबह आकर क्या नहीं कर गया उसकी बेटी नूरी के साथ ... पंडित कुछ ना बोला ...इरफ़ान ने पंडित
पंडित & शीला पार्ट--18 गतांक से आगे ...................... रितु इसलिए की वो शायद किसी और के सामने या साथ में अपने सवालों का जवाब नहीं चाहती थी ..और पंडित जी शीला के साथ ये सब बातें कैसे करेंगे उसे ये समझने में काफी परेशानी हो रही थी .. और दूसरी तरफ शीला को इसलिए की पंडित की प्लानिंग वो भी नहीं जानती थी , पंडित के कहने पर उसने गिरधर के साथ डबल मजा किया था जिसमे उसे बहुत मजा भी आया था और अब पंडित जी शायद उसका इस्तेमाल करके उनकी बेटी के साथ भी वही सब करना चाहते हैं .. पर पंडित जी की हर बात को आँख मूँद कर मानने कर वचन वो दे चुकी थी इसलिए उसकी हिम्मत नहीं हुई की उनसे कोई सवाल करे ..वैसे भी, वो जानती थी की पंडित जी कुछ भी करें , उसे मजा तो आना ही आना है ..और वैसे भी, रितु को स्कूल की पढाई कराने से ज्यादा उसे सेक्स की पढाई कराने में ज्यादा मजा आएगा ये सोचते हुए वो पंडित जी से बोली : "ठीक है पंडित जी ...आप जैसा कहें .." पंडित : "शीला ...तुम दोनों दरवाजे बंद कर दो और अपने सारे कपडे उतार दो .." पंडित की बात सुनकर शीला किसी रोबोट की तरह से उठी और पहले मंदिर की त
पंडित & शीला पार्ट--17 गतांक से आगे ...................... वो पंडित से चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, पंडित के लंड से चुदकर वो प्रेग्नेंट होना चाहती थी ... अब पंडित के लिए भी अपने आप को संभालना मुश्किल हो गया ..उसने नूरी के नूर टपकाते हुए चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से बोले : "ठीक है ..जैसा तुम चाहो ..मैं तैयार हु तुम्हारी मदद करने के लिए ..." पंडित का इतना कहना था की नूरी की आँखों से आंसू निकल गए और उसने आगे बढकर पंडित के गले में अपनी बाहें डाल दी ..उसके दोनों खरबूजे पंडित की छाती से पीसकर अपना गुदा वहां महसूस करवाने लगे .. पंडित ने भी उसकी पीठ पर अपनी जकड बनाते हुए उसे अपने ऊपर खींच लिया ..और पीछे की तरफ लेट गया ..नूरी का गदराया हुआ जिस्म पंडित के ऊपर पड़ा हुआ था ..उसके रेशमी बालों ने दोनों तरफ से गिरकर उसके और पंडित के चेहरे को किसी जंगले की तरह से ढक लिया ..नूरी ने अपना चेहरा ऊपर उठाया और पंडित की आँखों में बड़े प्यार से देखा ..और फिर अपनी आँखे बंद करते हुए वो नीचे झुकी और पंडित के होंठों को अपने अन्दर समेट कर उसे जोर से चूम लिया .. अह्ह्ह्ह्ह
पंडित & शीला पार्ट--16 गतांक से आगे ...................... रितु के छोटे-२ स्तन जो करीब छोटे संतरों के अकार के होंगे उसके सामने थे, और नीचे उसकी पतली कमर और पीछे भरवां गांड ..उसने सोचा 'कसम से एक बार ये मेरे नीचे आ जाए इसको तो बिना टिकट के आसमान की सेर करवा दू ..' पंडित ने अपने लंड को और तेजी से मसलना शुरू कर दिया .. अचानक गिरधर के कमरे से माधवी की आवाजें और तेजी से आनी शुरू हो गयी ... "अह्ह्ह्ह्ह्ह ......ऐसे ही .....चोद ....साले ....अह्ह्ह्ह ......भेन चोद .......डाल अपना लंबा लंड .....और अन्दर ....तक ...अह्ह्ह्ह ......अह्ह्ह्ह ...ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ..." गिरधर ने उसे अपनी गोद में उठाकर अपना लंड उसकी फुद्दी में जोर - २ से पेलना शुरू कर दिया था ... और लगभग एक साथ ही दोनों का रस माधवी की ओखली में निकला और दोनों वहीँ बेड के ऊपर लेटकर गहरी साँसे लेने लगे .. और दूसरी तरफ बेचारी रितु सिर्फ अपने संतरों को मसलकर ही रह गयी ...उसे शायद अभी तक मुठ मारना भी नहीं आता था ..वो अपने हाथों को बस अपनी चूत पर रगड़कर ही रह गयी ..वहां और क्या करने से कैसे मजे मिलेंगे, उसे
पंडित & शीला पार्ट--15 गतांक से आगे ...................... उसके घर के पास पहुंचकर पंडित ने इधर उधर देखा और अन्दर कूद गया ..और पीछे की तरफ से घूमकर गिरधर के कमरे की खिड़की के पास जाकर खड़ा हो गया ..जो खुली हुई थी और वहां काफी अँधेरा भी था ..इसलिए उसे कोई देख भी नहीं सकता था .. गिरधर थोड़ी देर पहले ही आया था इसलिए अपने कपडे बदल रहा था .. बाहर से माधवी की आवाज आई : "भूख लगी है तो खाना लगाऊ ?..." गिरधर : "भूख तो लगी है पर खाने की नहीं ...किसी और चीज की ..जल्दी से अन्दर आ जा अब ..." पंडित समझ गया की शो शुरू होने वाला है .. माधवी अन्दर आई, उसके चेहरे की लाली बता रही थी की चुदने की इच्छा उसके अन्दर भी कुलबुला रही है ..पंडित ने उसकी चूत को चाटकर उसके अन्दर की वासना को काफी भड़का दिया था, अब उसे किसी भी कीमत पर अपने अन्दर लंड चाहिए था .. जैसे ही माधवी ने दरवाजे की चिटखनी लगाई, गिरधर ने पीछे से उसके मुम्मे पकड़ कर जोर से दबा दियी ...माधवी की सिसकारी निकल गयी .. "अह्ह्ह्ह्ह्ह ....धीरे .....रितु साथ वाले कमरे में ही है ....वो ना जाग जाए ..." रि
पंडित & शीला पार्ट--14 गतांक से आगे ...................... बाहर से आवाज आई : "पंडित जी ...मैं ...माधवी .." माधवी की आवाज सुनते ही गिरधर की सिट्टी पिट्टी ही गुम हो गयी ..वो धीरे से फुसफुसाया : "ये इतनी रात को कैसे आ गयी ...पंडित जी ..अगर इसने मुझे ऐसी हालत में देख तो अनर्थ हो जाएगा .." गिरधर ने अपने और शीला के नंगे शरीर की तरफ इशारा किया .. शीला अभी तक बेहोशी की हालत में ही थी .. पंडित ने उसे शांत रहने का इशारा किया और दरवाजे की तरफ मुंह करके बोला : "जरा रुको माधवी ..अभी आता हु .." और फिर जल्दी से शीला की टाँगे पकड़ी और गिरधर को उसकी बाजू पकड़ने को कहा और दोनों ने उसके नंगे जिस्म को उठा लिया और उसे बाथरूम की तरफ ले गए ..पंडित ने गिरधर को भी अन्दर रहने को कहा और खुद धोती लपेट कर बाहर आ गए और दरवाजा खोल दिया .. बाहर माधवी खड़ी थी , अपना गाऊन पहने ...और गले में चुन्नी थी .. पंडित : "अरे माधवी ...इतनी रात को कैसे आना हुआ ..आओ -२ अन्दर आ जाओ ..?" माधवी अन्दर आ गयी और पंडित ने दरवाजा बंद कर दिया . माधवी : "पं