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पंडित & शीला पार्ट--50  गतांक से आगे …………… पंडित जी के मुंह से अपने लिए सेक्सी शब्द सुनकर कोमल का चेहरा शर्म से लाल हो उठा …वो मन ही मन ख़ुशी से झूम उठी ..गाँव में उसके कपड़ो से ढके शरीर को निहारने के लिए न तो कोई ढंग का लड़का था और न ही वहां का माहोल ऐसा था की वो छोटे कपड़ों में वहां घूम सके और देखने वालों को अपना दीवाना बना सके ..पर जब से वो शहर आई थी , उसके मन में वो सब करने और महसूस करने का जनून सवार हो गया था जिसके बारे में वो और उसकी सहेलियां बातें किया करती थी ..और यहाँ कोई उसे पहचानता भी नहीं था इसलिए वो ये सब बेशर्मी के साथ कर रही थी ..और किसी न किसी को तो अपना सीक्रेट पार्टनर बनाना ही था, और पंडित जी से अच्छा और कौन हो सकता था ..वो अपनी हद में रहकर ही उसकी सारी इच्छाएं पूरी करवाएंगे .. पर यहाँ शायद कोमल गलत थी ..पंडित जी तो बस सही वक़्त का इन्तजार कर रहे थे .. पंडित जी की नजरें तो कोमल के शरीर से चिपक सी गयी थी ..उसके सीने के उभार जहाँ से शुरू हो रहे थे, वहां एक लाल रंग का तिल था ..जो अलग से चमक रहा था ..पंडित जी ने मन ही मन निश्चय कर लिया की जल्द ही अपने हो
पंडित & शीला पार्ट--49  गतांक से आगे ………….. आज तो दोनों एक -दुसरे को कच्चा खा जाने के मूड में थे ..रितु बड़ी अजीब सी आवाजें निकालते हुए पंडित जी के लंड को चूस रही थी ..और पंडित जी भी उसकी चूत की परतों को हटा कर अपनी जीभ को अन्दर तक घुसा रहे थे .. पंडित जी का लंड चूसते -२ रितु ने उनसे कहा : "पता है ..जब मैं यहाँ आ रही थी तो माँ की आँखों में देखकर ये लग रहा था की उनका भी मन है ..पर ना जाने क्यों उन्होंने कुछ कहा नहीं ..” इतना कहकर वो फिर से इनके लंड को चूसने लगी .. उसकी बात सुनकर पंडित जी के मन में एक ख्याल आया ..क्यों न दोनों माँ बेटियों को एक साथ चोदा जाए ..वो बोले : "एक काम करना ..कल अपनी माँ को भी लेकर आना इसी वक़्त यहाँ ..बोलना मैंने बुलाया है ..” उनकी बात सुनकर रितु पलटकर फिर से उनके ऊपर आ गयी और उनके होंठों को चूसते हुए बोली : "आपने तो मेरे मन की बात बोल दी है …मेरा भी मन है की मैं माँ के साथ वो सब करू …” और फिर वो पंडित जी के चेहरे पर टूट पड़ी ..और अपनी गोलाईयां उनके सीने से मसलते हुए अपनी चूत वाले हिस्से को उनके लंड से रगड़ने लगी .. पंडित जी
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