पंडित & शीला पार्ट--43 
गतांक से आगे ……………
पंडित जी (हँसते हुए ) : "लो माधवी ..अब जरा इन लड़कियों को भी बताओ ..की ऐसा क्या तरीका है तुम्हारे पास ..सिखाओ इन्हें भी कुछ ..ताकि इन्हें आगे वो सब काम आये ..”
पंडित जी की बात सुनकर माधवी का चेहरा लाल सुर्ख हो उठा ..उसने शर्माते हुए पंडित जी के लंड की खाल को वापिस ऊपर चडाया और फिर अपने मुंह में लेकर उसे अपने होंठों से नीचे तक ले गयी ..
नूरी : "वाव …आंटी . यु आर टू गुड ….”
अपनी तारीफ सुनकर वो काफी खुश हुई और दुगनी तेजी से पंडित जी के लंड को चूसने लगी ..
पंडित जी ने आगे हाथ करके माधवी के मोटे मुम्मों को पकड़ लिया ..पर उसने जो सूट पहना हुआ था उसमे से वो निकल नहीं रहे थे ..पंडित जी ने रितु को इशारा करके उसे उतारने को कहा ..और रितु ने ख़ुशी – २ उनकी बात मानते हुए अपनी माँ के सूट को नीचे से पकड़ा और उसे ऊपर से घुमा कर उतार दिया ..और फिर पीछे जाकर उसने अपनी माँ की ब्रा भी खोल दी ..
ब्रा के उतारते ही माधवी की मोटी छातियाँ तीर की तरह निकल कर बाहर आई ..
नूरी : "वाव आंटी ..क्या ब्रेस्ट है आपकी …इतनी मोटी …और कड़क ..”
इतना कहकर वो नीचे झुकी और उसने माधवी के एक स्तन को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया ..दूसरी तरफ से रितु से भी नहीं रहा गया और वो भी अपनी माँ की दूसरी ब्रैस्ट को पकड़कर चूसने लगी और जैसे बचपन में उसका दूध पीती थी, वैसे ही आज फिर से पीने लगी ..
और थोड़ी देर बाद जब उन दोनों का पेट भर गया तो उन्होंने माधवी को छोड़ दिया और रितु ने पंडित जजी के लंड को पकड़कर फिर से अपनी माँ के मुंह में डाल दिया ..पंडित जी ने दांयी तरफ हाथ करके नूरी के मुम्मे पकडे और उन्हें दबाने लगे ..और फिर बांयी और बैठी रितु के मुम्मों को भी उन्होंने निचोड़ डाला ..उनके सामने 3 जोड़े मोटे और भरे हुए मुम्मे थे , जिन्हें वो एक-२ करके दबा रहे थे ..
आज उन्होंने प्रियंका और शिप्रा की बुरी तरह से चुदाई की थी, उन्हें पहले तो लग रहा था की उनके अन्दर अब कुछ नहीं बचा है ..पर माधवी के चूसने के बाद उन्हें ऐसा लगने लगा की अगली चुदाई वो ज्यादा देर तक और ज्यादा भयंकर तरीके से कर सकते हैं ..
वैसे दोस्तों, ये बात तो आप भी मानेंगे ..अगर आपका अपनी बीबी या गर्लफ्रेंड के साथ रात की चुदाई का कोई प्लान है तो सुबह ही अपने लंड को मास्टरबेट करके एक बार शांत कर लो ..फिर देखना आप ..रात की चुदाई ज्यादा देर तक और मजेदार हो जायेगी ..आपका पार्टनर भी खुश और आप भी ..
खेर ..पंडित जी का स्टेमिना तो वैसे भी सबसे अलग है ..उनके ऊपर हमारी लाइफ की ये बातें लागू ही नहीं होती ..
और सुबह 2 की चूत मारने के बाद अब तो पंडित जी का ओर्गास्म होने में भी टाइम लगना था ..
पंडित (रितु से): "अब तुमने देख लिया न की किस तरह से तुम्हारी माँ चूस रही थी मेरा लंड ..अब तुम दोनों दिखाओ ..क्या सीखा तुमने .."
रितु और नूरी दोनों एक साथ आगे आई और पंडित जी के खड़े हुए लंड को दोनों तरफ से अपने होंठों के बीच लेकर उसे जोर -२ से चूसने लगी ..साथ ही साथ दोनों आपस में फ्रेंच किस भी कर रही थी ..और उस किस्स के अन्दर पंडित जी का लंड भी पिस रहा था ..
अब उनके लंड की फटने वाली हालत हो रही थी ..वो सोचने लगे, अगर इन जंगली बिल्लियों को नहीं हटाया तो वो दोनों मिलकर उनके लंड की बोटियाँ तक गटक जायेंगी ..उन्होंने बड़ी मुश्किल से अपने लंड को उनके चुंगल से छुड़ाया और बिना कोई देरी किये माधवी को लेकर बेड की तरफ चल दिए और वहां जाकर लेट गए ..नूरी और रितु ने माधवी को खड़ा किया और उसके नीचे के कपडे भी उतार डाले ..और फिर उसको नंगा करने के बाद दोनों ने माधवी की बाहें पकड़ी और उसे किसी दुल्हन की तरह से ‘नंगे दुल्हे’ के पास ले जाने लगे ..
एक साथ 3-3 नंगे जिस्म पंडित जी की तरफ आ रहे थे ..उन्होंने अपने लंड पर थूक से भरा हुआ हाथ फेरा और माधवी को ऊँगली के इशारे से जल्दी से अपनी तरफ आने को कहा ..
बेड पर माधवी को चडाने के बाद, रितु और नूरी सोफे पर जाकर बैठ गए और पंडित जी और माधवी की चुदाई का इन्तजार करने लगे ..
पंडित जी ने माधवी को अपने ऊपर खींचा और उसके होंठों को जोर -२ से चूसने लगे ..फिर उन्होंने उसे घोड़ी बनाया और उन्होंने अपना हाथ नीचे किया और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर लगा कर धीरे से उसकी चूत से निकल रहे रस का प्रयोग करते हुए अपना लंड उसके अन्दर खिसका दिया ..
और तेजी से झटके मारने लगा ..
”ओह्ह्ह्ह पंडित जी ……..उम्म्म्म्म …जोर से ….अह्ह्ह्ह ……और जोर से …..”
पंडित : "साली ……अपनी बेटी के सामने चुद रही है ….तेरी जैसी रांड तो आज तक नहीं देखि ….अह्ह्ह ….ये ले …..अह्ह्ह्ह्ह्ह …..”
माधवी : "उम्म्म्म्म …..आपका लंड है ही इतना मस्त …..बेटी हो या पति …किसी से भी शरम नहीं रह गयी अब तो …अह्ह्ह्ह ….आप तो बस चोदो मुझे …बोलो कम ..और ..चोदो ज्यादा …अह्ह्ह्ह्ह …. उम्म्म्म्म्म्म्म्म ….. येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स …..”
और अगले ही पल उसकी चूत का तूफ़ान एक जोरदार धमाके के साथ बाहर की तरफ उछल आया ..और पंडित जी के लंड को बाहर की तरफ धकेल कर उसकी चूत से एक जोरदार फव्वारा निकला ..जिसमे था उसकी चूत का रस और ढेर सार पेशाब …जिसे इतनी देर से अपने अन्दर दबा कर रखने की वजह से वो अब एक ज्वालामुखी की तरह चूत के रस के साथ बाहर की तरफ निकल रहा था ..
और गहरी साँसे लेती हुई माधवी वहीँ पर निढाल सी होकर लेट गयी ..पंडित जी के लंड का झंडा अभी भी लहरा रहा था ..
तभी दोबारा से बेल बजी ..और सभी जानते थे की इस बार गिरधर होगा बाहर ..
सभी नंगे पड़े थे वहां ..
जैसे ही माधवी एक चादर से अपने शरीर को ढककर उठकर जाने लगी दरवाजा खोलने ..पंडित जी ने उसे रोक दिया और उसकी चादर उतार कर फेंक दी और उसे फिर से नंगा करके अपने साथ लिटा लिया ..और रितु से बोले : "जाओ ..तुम्हारे पापा आये हैं ..उन्हें अन्दर लेकर आओ ..ऐसे ही जाना ..नंगी ”
उनकी बात सुनकर रितु की साँसे तेजी से चलने लगी ..और वो धीरे से उठकर बाहर की तरफ चल दी .
अपने पापा को लेने .
बेडरूम से निकल कर रितु बाहर ड्राइंगरूम तक आई और दरवाजे तक जाते हुए उसकी साँसे उखड सी रही थी ..चाल में एक अजीब सा नशीलापन आ चूका था ..आँखे में लाल डोरे तैर रहे थे , चूत से रिस रहे पानी में ज्यादा चिपचिपापन आ चूका था , गांड की मांसपेशियां कुछ ज्यादा ही थिरक रही थी ..हर कदम से मुम्मों में थरथराहट और भी ज्यादा हो रही थी ..इतनी उत्तेजना तो उसे पहली बार पंडित जी से चुदवाने में भी नहीं हुई थी ..शायद वो भी अन्दर से जानती थी की आज उसकी और उसके पापा दोनों की इच्छा पूरी होकर रहेगी ..
रितु ने ड्राइंगरूम की लाइट बंद कर दी , क्योंकि वो पूरी नंगी थी और उसे रौशनी में शर्म आ रही थी ..पूरा अँधेरा हो जाने के बाद उसने धीरे से दरवाजा खोल दिया .
बाहर गिरधर ही था , वो जल्दी से अन्दर आया पर अँधेरा होने की वजह से कोई दिखाई नहीं दिया, उसने पलट कर जैसे ही दरवाजा बंद किया , रितु झट से जाकर उसकी पीठ से जाकर चिपक गयी ..और अपने पापा की बाजुओं के नीचे से हाथ निकालते हुए उसके कंधो को अपने हाथों से पकड़ लिया ..और गहरी साँसे लेने लगी .
अँधेरा होने की वजह से गिरधर को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था ..उसने हाथ पीछे करके टटोला की कौन है ..और जैसे ही उसके हाथ रितु की नंगी गांड से टकराए , उसका लंड पागल सांड की तरह हुंकारने लगा . वो तो पुरे रास्ते सिर्फ नूरी के बारे में सोचता हुआ आ रहा था , इसलिए अब भी उसके जहन में सिर्फ नूरी ही घूम रही थी ..और उसे लगा की पंडित जी के कहने पर ही नूरी इस तरह से आकर लिपटी है ..रितु के बारे में तो उसका दिमाग सोच ही नहीं रहा था . वो भी कुछ ना बोला ..और उसके गुदाज शरीर को दबोचने का मजा लेने लगा .
गिरधर अपने हाथ पीछे करके उसके मोटे चूतड मसल रहा था ..और रितु अपनी नुकीली छातियाँ उसकी कमर में चुभा कर उसे तडपा रही थी. रितु ने हाथ आगे करके गिरधर के कुर्ते के बटन खोल दिए और उसे ऊपर खींचकर उतारने लगी ..और जैसे ही गिरधर ने अपने हाथ ऊपर करके कुर्ते को उतारा वो झट से आगे की तरफ आ गयी और अपने पापा के पसीने से भीगे शरीर से चिपक गयी ..
अब हुआ था असली मिलन ..नंगे जिस्मो का .. अंगो का ..आत्माओ का ..
रितु के मोटे मुम्मों का लरजता हुआ मांस गिरधर की चोडी और कसी हुई छाती पर पिस्स रहा था ..गिरधर को अब तक पता नहीं चल पाया था की वो नूरी नहीं उसकी बेटी रितु है ..उसने रितु के नंगे शरीर पर अपने खुरदुरे हाथ फेराने शुरू करे और जैसे ही उसने अपने हाथों में उसके दोनों मुम्मों को पकड़कर जोर से भींचा ..रितु का पूरा शरीर ऐंठ सा गया ..और वो अपने पंजों के बल खड़ी होकर ऊपर की तरफ लहरा गयी ..और अपने होंठों के करीब आते ही गिरधर ने उसके होंठों को दबोचा और उनका रस पीने लगा ..
”उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म …..उम्म्म्म्म्म्म्म ……अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …..पुच्च्छ्ह्ह्ह ….”
रितु को तो ऐसा लगा की उसकी चूत का रस ऊपर की तरफ जा रहा है और उसके मुंह से होता हुआ गिरधर के मुंह में पहुँच रहा है ..जिसे गिरधर ऐसे पी रहा था जैसे बरसों का प्यासा हो वो ..
इसी बीच रितु के पेट पर उसके पापा के लंड ने दस्तक दी ..और अपने छोटे भाई की पुकार
सुनकर रितु के हाथ भी उसे टटोलने के लिए निकल पड़े ..और जैसे ही रितु ने गिरधर की धोती खोलकर, उसके कच्छे को नीचे खिसका कर, उसके कड़क लंड को अपने हाथों में पकड़ा , गिरधर के किस्स करने की स्पीड और भी बढ गयी ..रितु को ऐसा लगा की आज तो उसके होंठों को नोचकर ही खा जायेंगे उसके पापाजी ..
अँधेरा कमरा सिर्फ दोनों की सिस्कारियों से गूँज रहा था ..गिरधर ने अपने हाथों के रितु की गांड के दोनों तरबूजों को पकड़ रखा था और उनके गुदाजपन को अपनी उँगलियों से मसल कर मजे ले रहा था ..
अचानक गिरधर ने अपना मुंह नीचे किया और अपनी बेटी के दांये मुम्मे को अपने मुंह में डाल कर जोर से चुप्पा मारा ..
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ….. स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स …..उम्म्म्म्म्म्म्म्म …….”
उसकी सकिंग पावर इतनी तेज थी की रितु का पूरा शरीर झनझना सा गया, जैसे किसी ने उसके शरीर पर बिजली की नंगी तार छुआ दी हो ..वो किसी बंदरिया की तरह उछल कर गिरधर की गोद में चढ़ गयी और अपनी टाँगे उसकी कमर से लपेट कर उसके सर को अपनी छाती पर जोर से दबा दिया ..
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ……उम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म …..येस्स्स्स ………सक्क्क्क्क …….मीई …………………”
गिरधर के सर पर तो वासना का ऐसा भूत चड़ा हुआ था की उसे अपनी बेटी की आवाज भी नहीं पहचानी गयी ..वैसे भी चुदाई के समय निकली आवाजें अलग ही तरह की होती है , आसानी से पहचानी नहीं जाती .
अपना आधा किलो से ज्यादा दूध अपने पापा को पिलाने के बाद रितु ने अपना दूसरा मुम्मा भी उनके मुंह में ठूस दिया ..और वहां का कोटा भी खाली कराने लगी .
गिरधर का लंड उसकी गांड से टकरा रहा था ..और मूक भाषा में एक सन्देश उसे पहुंचा रहा था , गिरधर ने रितु की गांड के दोनों पाटों को पकड़कर दोनों तरफ फेला दिया और अपने लंड को वहां की गली में फंसा कर उसके पाट वापिस बंद कर दिए ..

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