पंडित & शीला पार्ट--37 
गतांक से आगे ……………
उसके मुंह से गालियाँ भी सुलेमान को फूलों जैसी लग रही थी ..वो भी गली के कुत्ते की तरह से अपनी लम्बी जीभ निकाल कर उसकी चूत का नाप लेने में लगा हुआ था ..
नूरी का मुंह गोल सा होकर खुला हुआ था ..और सुलेमान उसके सामने लेट कर उसकी चूत को ऐसे चूस रहा था जैसे उसमे से ही उसे ऑक्सीजन मिल रही हो जीने के लिए ..
वो फिर उठा और उसने नूरी की चूत में लंड डालकर उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी ..
वो मचलती हुई उसके नाम की माला जपने लगी …
”ओह्ह सुलेमान…. अह्ह्ह्ह …..चोद ….साले ……और जोर से ……भेन चोद …..अह्ह्ह सुले ……मा न्न… … ”
उसकी गीली चूत की गलियों से रस की बहार निकल कर फिर से उसके अन्दर एक और ओर्गास्म पैदा करने लगी ..पर तभी सुलेमान ने अपना लंड बाहर खींचा और उसे दिवार की तरफ मुंह करके खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी गांड के छेद पर टिका कर एक जोरदार धक्का दिया और अपने रोकेट को उसकी गेलेक्सी के अन्दर पहुंचा दिया …
नूरी की आँखे बोजिल सी हो गयी, इतना मजा तो उसे आज तक नहीं आया था …पहले सुलेमान की जीभ उसकी चूत पर, फिर उसका लंड …और अब उसका लंड उसकी गांड के अन्दर …सब कुछ इतना अच्छा लग रहा था की उसका मन कर रहा था की ये सब कभी ख़त्म ही न हो …
वो चुदती रहे …
चुदती रहे ………………
बस चुदती रहे ……………..
और नीचे बैठे हुए इरफ़ान का ध्यान ऊपर ही था, जब बाप को पता हो की इस वक़्त उसकी बेटी की चुदाई हो रही है तो उसे चैन कैसे आ सकता है ..वो बेचैन सा होकर उठा और फिर से ऊपर की तरफ चल दिया ..नूरी के चीखने की आवाजें बाहर तक आ रही थी ..जिसे सुनकर उसे पता चल रहा था की उसे कितना मजा आ रहा है ..
अब तक दोनों के अन्दर का तूफ़ान अपने उफान पर पहुँच चुका था ..सुलेमान ने उसके मोटे मुम्मे मलते हुए उसकी गांड का बेन्ड और तेजी से बजाना शुरू कर दिया ..और उसकी थिरकन से नूरी ने भी और तेजी से नाचना शुरू कर दिया ..
और जैसे ही सुलेमान को एहसास हुआ की उसके लंड का पानी निकलने वाला है , उसने फिर से नूरी को सोफे पर लिटाया और उसके सेक्सी चेहरे की तरफ देखते हुए अपने लंड को मसलने लगा …और देखते ही देखते, उसके लंड की पिचकारियाँ नूरी की छाती और चेहरे पर पड़ने लगी …
”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ……नूरी ……मेरी जान …….अह्ह्ह्ह्ह्ह ….साली ……..ले …..मेरा सार…ऱस …..निगल जा …..अह्ह्ह्ह्ह …”
और नूरी भी अपनी चूत के ऊपर अपनी उँगलियों को रगड़ते हुए कब झड़ने लगी उसे भी पता नहीं चला , उसे तो तब एहसास हुआ जब उसकी उँगलियों पर उसके गर्म पानी की जलन अपना एहसास करवा रही थी ..
नूरी ने सुलेमान को अपनी तरफ खींच कर अपने ऊपर लिटा लिया …और तभी उसकी नजरें दरवाजे के पीछे छुप कर सारा खेल देख रहे इरफ़ान पर पड़ी ..जिन्हें देखकर उसके एहसास का मजा दुगना हो गया .
थोड़ी देर तक पड़े रहने के बाद सुलेमान ने अपने कपडे पहने और दोबारा आने का वादा करके जल्दी से बाहर निकल गया ..उसके जाते ही दरवाजे के पीछे छुपा हुआ इरफ़ान नूरी के पास आकर बैठ गया ..
इरफ़ान : "बेटी …ये सब मेरी वजह से ही हुआ है ..आज वो कुत्ता जो भी करके गया है वो मेरी नादानी की वजह से ही हुआ है ..”
नूरी ने अपने अब्बू को अपने ऊपर खींच लिया और बोली : "अरे नहीं अब्बू, आप ऐसा मत सोचो , अगर कोई भी बेटी होती तो अपने पिता की इज्जत के लिए यही करती …हाँ , ये सच है की ये सब गलत था, पर मजा मुझे भी आ रहा था …”
इरफ़ान (झल्लाते हुए) : "हाँ , वो तो मैं देख ही रहा था … ..”
नूरी (लाड प्यार से उनके सीने पर अपने मुम्मे रगड़ते हुए ) : "ओह्हो अब्बू …आप भी न, अब मैं छोटी बच्ची नहीं रही, शादी हो चुकी है मेरी ..और ये चुदाई क्या होती है , मुझे भी पता है ..जैसे आपको मजा आता है न बाहर जाकर चोदने में, मुझे भी आता है, ऐसे अलग – 2 तरह के लंड लेने में …पर आपकी बात अलग है …आप जैसा स्टेमिना किसी में नहीं है ..”
इतना कहकर उसने अपने अब्बू के लंड के ऊपर फिर से हाथ फेरना शुरू कर दिया …
थोड़ी देर लगेगी पर जल्दी तैयार हो जाएगा अब्बू का लंड , अगली चुदाई के लिए ..
और ये सोचते हुए उसने फिर से उनके कपडे उतारकर उनके लंड को मुंह में ले लिया ..और चूसना शुरू कर दिया ..
इरफ़ान ने पूरी रात अच्छी तरह से अपनी बेटी को चोदा …
और अगले दिन हमारे पंडित जी जब रोज की तरह मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे थे तो लाल रंग के सूट में सर पर चुन्नी डाले एक लड़की उनके पास आई और बोली : "पंडित जी …”
पंडित ने उसकी तरफ देखा , वो तकरीबन 20-22 साल की जवान लड़की थी ..गोरी-चिट्टी, सुन्दर ..
पंडित जी ने अच्छी तरह से ताड़ने के बाद कहा : "जी कहिये …”
लड़की उनके और करीब आई और धीरे से बोली : "पंडित जी …आपने मुझे पहचाना नहीं ..”
पंडित जी को उसकी बात सुनकर ताज्जुब हुआ ..वो उसके चेहरे को और गोर से देखने लगे ..उसका चेहरा उन्हें जाना पहचाना सा लगा ..पर ठीक से याद नहीं आ पा रहा था की कौन है वो लड़की ..
पंडित : "माफ़ कीजिये ..मैंने नहीं पहचाना आपको ..”
लड़की रेहेस्यमयी हंसी हँसते हुए बोली : "क्या पंडित जी …आपकी यादाश्त इतनी कमजोर कैसे हो सकती है ..जबकि आपका लंड इतना ताकतवर है ..”
उसकी बात सुनते ही पंडित जी के पैरों तले से जमीन निकल गयी …उनके हाथ में पूजा की थाली गिरते -२ बची ..पंडित जी अपने दिम्माग पर जोर डालने लगे ..आखिर कौन है ये लड़की जो उनके बारे में इस तरह की बातें कर रही है ..
पंडित जी के चेहरे पर आ रहे भाव देखकर आखिर लड़की ने ही बोलना शुरू किया : "ओहो पंडित जी …घबराइए नहीं ..हम वैसे तो एक दुसरे को नहीं जानते पर एक दुसरे को चुदाई करते हुए देखा जरुर है ..याद है वो पार्क में उस दिन ..मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ थी और आप के साथ भी एक लड़की थी …और …”
‘ओ तेरी माँ की चूत ….तो ये वो लड़की है …’ पंडित ने मन ही मन सोचा …
(आप सभी को याद नहीं आ रहा है तो आप अपडेट नंबर 87-91 तक दोबारा पड़ ले )
उस वक़्त मंदिर में काफी भीड़ थी, इसलिए पंडित जी उसकी बात का कोई जवाब नहीं दे पाए …और वो जाकर फिर से जाकर दुसरे भक्तों के लाये प्रसाद का भोग चडाने लगे .. पर उनका सारा ध्यान उस लड़की की तरफ ही था ..वो एक कोने में जाकर चोंकड़ी मार कर बैठ गयी ..
आधे घंटे में सारे भक्त चले गए ..और पंडित जी भी फ्री हो गये. .उन्होंने देखा की वो लड़की अभी तक वहीँ बैठी है ..पंडित जी ने जैसे ही उसकी तरफ देखा वो उनके पास आ गयी ..
पंडित जी ने अपनी नजरें चुरा ली और अपने कमरे की तरफ चलने लगे ..और वो लड़की बिना कुछ कहे उनके पीछे -२ चलती हुई उनके कमरे तक आ गयी ..और सीधा जाकर उनके बेड पर बैठ गयी ..
और उनके कहे बिना उसने बोलना शुरू कर दिया : "पता है , आपको ढूँढने के लिए पिछले दस दिनों से मैंने कितने मंदिर छान मारे ..पुरे इलाके में जितने भी बड़े और छोटे मंदिर है , उसमे जाकर मैंने आपको ढूंढा ..और आखिर में जाकर आप आज मिले हैं मुझे, यहाँ …”
पंडित जी उसकी तरफ टकटकी लगाये हुए देखते रहे …जैसे पूछना चाह रहे हो ‘आखिर क्यों ढून्ढ रही थी मुझे ‘..
वो आगे बोली : "देखिये पंडित जी …मैं आपसे सीधी बात करती हु ..मेरा नाम प्रियंका है ..और मैं संगम विहार में रहती हु ..”
उसका नाम सुनते ही पंडित जी को भी उसका नाम याद आ गया यही नाम बोलकर उसका बॉयफ्रेंड उसे चोद रहा था ..
प्रियंका : "पंडित जी ..उस दिन जो लड़का मेरे साथ था पार्क में ..वो मेरा बॉयफ्रेंड बद्री है ..और वो एक ऊँचे घराने का लड़का है ..उसने मेरे साथ एक मंदिर में शादी का नाटक किया था और भगवान् के सामने मेरी मांग में सिंदूर भरकर मुझे अपनी पत्नी का दर्जा दिया था, पर पिछले दो महीने में उसने मेरे शरीर से खेलने के अलावा और कुछ नहीं किया , अपने फार्म हाउस , दोस्तों के फ्लेट्स , और एक दो बार तो मेरे घर आकर भी मेरे साथ उसने वो सब किया जो आपने उस दिन पार्क में देखा था, वहां भी उसने तीन – चार बार मेरे साथ सेक्स किया है ..”
इतना कहकर वो रोने जैसी हालत में आ गयी ..
प्रियंका : "और अब वो कमीना मेरे साथ शादी करने से इनकार कर रहा है ..मेरे पास कोई सबूत भी नहीं है की उसने मंदिर में मेरे साथ शादी की थी ..मेरी एक वकील दोस्त ने कहा की अगर मंदिर का पुजारी गवाही दे तो बात बन सकती है और उसके खिलाफ मुकदमा चलकर हम उसे मजबूर कर सकते हैं , पर उस दिन तो वो वाले मंदिर में कोई नहीं था, इसलिए मैं आपको ढून्ढ रही थी, अगर आप ये गवाही दे दो की आपके सामने हमारी शादी हुई थी तो मेरी लाईफ बच सकती है ..वरना मुझमे और बाजारू औरत में कोई फर्क नहीं रह जाएगा …”
पंडित : "तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया की तुम्हारे लिए मैं झूटी गवाही दे सकता हु ..और मैं क्यों पडू तुम्हारे इन झंझटो में …”
पंडित का इतना कहना था की प्रियंका उठी और पंडित जी के पैरों में आकर लिपट गयी : "पंडित जी …प्लीस …आप समझने की कोशिश करो ..मेरी लाईफ का सवाल है ..उस दिन जब वो लड़की चुदते हुए आपको पंडित जी कह रही थी, वही बात मेरे जहन में अटक गयी थी ..आपकी वेश भूषा भी मंदिर के पंडितों जैसी थी ..इसलिए मैं आपको इतने दिनों से ढूंढ रही थी ..आप अगर मेरी मदद नहीं करेंगे तो कौन करेगा …”
और इतना कहकर वो रोने लगी …पंडित जी को तो आप जानते ही हैं, वो किसी लड़की का रोना नहीं देख सकते ..
उन्होंने उसके कन्धों से पकड़कर उसे ऊपर उठा लिया ..उसके कंधे से शर्ट खिसक जाने से उसकी ब्रा के प्लास्टिक स्ट्रेप नजर आ रहे थे ..उन्होंने आज तक काफी महिलाओ और लड़कियों को ऐसी स्ट्रेप वाली ब्रा पहने हुए देखा था मंदिर में , पर कभी भी ऐसी ब्रा को उतारने का मौका नहीं मिला था उन्हें ..
उन्होंने अपने हाथ की उँगलियों से उसकी ब्रा के प्लास्टिक स्ट्रेप को छु लिया …जिसे प्रियंका ने भी साफ़ महसूस किया ..
प्रियंका : "आप चिंता मत करिए पंडित जी …आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है ..मैं अपनी वकील दोस्त के जरिये उसपर ऍफ़ आई आर दायर कर रही हु और गवाही के रूप में आपका नाम , एड्रेस और नंबर दे रही हु ..अगर कभी पुलिस स्टेशन में जाना पड़े तो प्लीस मेरी खातिर चले जाना ..”
पंडित : "पर, मुझे उस लड़के के खिलाफ झूठी गवाही देने पर क्यों अमादा हो ..”
प्रियंका : "क्योंकि ऐसे लडको को सबक जरूर मिलना चाहिए .उसने जो कुछ भी मेरे साथ किया, वो किसी और के साथ भी कर सकता है ..इसलिए ऐसे लड़के के खिलाफ झूठी गवाही देना कोई गुनाह नहीं है ..और वैसे भी, आपने तो देखा ही है न उसे मेरे साथ सेक्स करते हुए ..वो जब आपको देखेगा तो उसे भी याद आ जाएगा की उसने आपके सामने कैसे मुझे पार्क में चोदा था ..”
चोदम चुदाई की बातें ये लड़की कितनी आसानी से कर रही थी ..आजकल की लड़कियां काफी आगे निकल चुकी है . .
पंडित जी को उसकी उस दिन की चुदाई याद आ गयी ..कैसे वो उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी ..अपनी चूत में लंड डलवाकर वो अपनी हिलती हुई ब्रेस्ट पंडित जी को कैसे दिखा रही थी …और ये सोचते हुए पंडित जी की आँखे अपने आप उसकी ब्रेस्ट पर जा चिपकी ..
पंडित जी की निगाह्हों की भाषा प्रियंका ने भली भाँती समझ ली ..उसे भी आज तक पंडित जी का वो लम्बा लंड याद था जिससे चुदकर वो लड़की मजे से चुदवा रही थी ..
प्रियंका : "अच्छा पंडित जी …एक बात तो बताइए …वो लड़की कौन थी ..जिसे उस दिन आप …पार्क में ..अपने लम्बे लंड के स्पेशल दर्शन दे रहे थे ..”
इतना कहकर वो जोर -२ से हंसने लगी ..
पंडित जी का चेहरा शर्म से लाल हो उठा ..उनसे कुछ बोला ही नहीं गया ..
प्रियंका : "आप तो शरमा रहे हो पंडित जी ..मैंने लड़की होते हुए भी अपनी साड़ी बातें आपको आसानी से बता दी और आप मुझे बताने में ऐसे बिहेव कर रहे हैं जैसे मैं ये सब किसी को बताने जा रही हु …”
पंडित : "थी कोई …मेरी चाहने वाली ..”
उनकी बात सुनकर प्रियंका बिलकुल उनके चेहरे के पास आकर बोली : "आपके हथियार को देखकर तो कोई भी आपका चाहने वाला बन जाएगा …पंडित जी ..”
पंडित जी को उसका इस तरह से बोलना थोडा अजीब सा लगा ..वो सोचने लगे की ये लड़की अपनी लाईफ को सुधारने आई है या उनसे चुदवाने …
पर जो भी था, पंडित जी को इन सबमे प्रियंका एक नए चुदाई के माल के रूप में ही नजर आ रही थी ..
उन्होंने भी सोच लिया की वो प्रियंका की हेल्प जरुर करेंगे और ”मजदूरी” के रूप में उसकी चूत भी लेकर रहेंगे ..

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